राँची: राजधानी राँची के डोरंडा स्थित न्यू काली पूजा समिति, काली मंदिर रोड पर इस वर्ष का 44वां ऐतिहासिक काली पूजा समारोह भव्यता के साथ आरंभ हो गया। इस बार का आकर्षक पूजा पंडाल राजस्थानी कला और संस्कृति की थीम पर आधारित है, जिसने पूरे क्षेत्र में उत्सव का वातावरण बना दिया है।राज्य रक्षा मंत्री संजय सेठ ने पाँच श्रद्धेय संतों के साथ संयुक्त रूप से पूजा पंडाल का उद्घाटन किया। उद्घाटन के समय “जय माँ काली” के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा।
समिति के अध्यक्ष शंभू गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष का पंडाल राजस्थानी लोककला, रंग-बिरंगे झरोखों, पारंपरिक चित्रकला और सांस्कृतिक प्रतीकों से सजाया गया है, जिससे दर्शक राजस्थान की जीवंत संस्कृति का अनुभव कर सकें।
उद्घाटन समारोह में मंत्री संजय सेठ ने समिति की सराहना करते हुए कहा—
“यह पूजा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक एकता और परंपरा का प्रतीक है। राजस्थानी थीम से झारखंडवासियों को नई प्रेरणा मिलेगी और समाज में समरसता का संदेश जाएगा।”
इस अवसर पर कांग्रेस नेता अजय नाथ शाहदेव ने भी समिति की प्रशंसा करते हुए कहा—
“न्यू काली पूजा समिति का यह आयोजन राँची की पहचान बन चुका है। हर वर्ष यहाँ की थीम और सजावट पूरे शहर के लिए आकर्षण का केंद्र रहती है।”
समिति द्वारा उद्घाटन के मौके पर पूजा-अर्चना के साथ सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी आयोजित की गईं। आने वाले दिनों में रात्रि भोग, सांस्कृतिक संध्या और विशेष दर्शन की व्यवस्था की गई है। पूजा का आयोजन 24 अक्टूबर तक चलेगा, जबकि 25 अक्टूबर को माँ काली की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।
उद्घाटन समारोह में आलोक दुबे, सुबोध सिंह गुड्डू, बिट्टू घोष, टापू घोष, पप्पू बलि, बबलू शाह, मनोज नायक, देवराज बर्मन, मितवा घोष, शिशिर क्षेत्री, बाबू सोना, अमित गुप्ता, नितेश गुप्ता, विकी घोष, जयंत मजूमदार, दीपू जयसवाल, धीरज गुप्ता, रवि सिंह, उज्जवल, गुंजन थापा, सूरज मांझी, प्रणव क्षेत्री सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।
समिति के सचिव अजय घोष, कोषाध्यक्ष मनोज मालाकार, मीडिया प्रभारी शाहिद खान, समीर, कामरान और अन्य पदाधिकारियों ने पूजा आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
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