रांची:: “वोट चोर गद्दी छोड़ो” के तहत 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में राष्ट्रीय स्तर पर विशाल रैली का आयोजन किया गया है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कांग्रेस भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि झारखंड से विभिन्न प्रमंडलों के 5000 कांग्रेस कार्यकर्ता इस रैली में शामिल होंगे। जिला अध्यक्षों को कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है और संचार के विभिन्न माध्यमों से रैली का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि देश में मतों की चोरी कर सरकार बनाई जा रही है। चुनाव आयोग ने सत्ता के दबाव में चुनावी प्रक्रिया की गरिमा को ताक पर रख दिया है। ऐसे में लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनता की आवाज को बुलंद करना जरूरी है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विगत वर्ष समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु गठबंधन सरकार द्वारा चलाया गया आपकी सरकार–आपके द्वार कार्यक्रम देशभर में सराहा गया।लोक सेवा अधिकार अधिनियम 2011 को मध्यप्रदेश, राजस्थान और झारखंड में साथ-साथ लागू किया गया था, जिसके तहत तय समय सीमा में सरकारी सेवाएँ उपलब्ध कराने की गारंटी के साथ दंडात्मक प्रावधान भी है।
इस अधिनियम के तहत सेवा अधिकार सप्ताह 21 से 28 नवंबर तक मनाया जा रहा है। उन्होंने सभी वार्ड और मंडल अध्यक्षों को इस अवधि में जनसमस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय रहने का निर्देश दिया।
कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि देश के लोकतंत्र, संविधान और वोट के अधिकार की रक्षा के लिए कांग्रेस की लड़ाई जारी रहेगी। भाजपा चोरी के शासन के दम पर अपनी धमक दिखाना चाहती है, जिसका कांग्रेस विरोध करेगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा कहीं वोट चोरी करके, कहीं वोटर लिस्ट से नाम हटाकर और कभी विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकार बना रही है। इसी चोरी के विरोध में दिल्ली की रैली में लोकतंत्र और वोट अधिकार में विश्वास रखने वाली जनता शामिल होगी। यह रैली तय करेगी कि देश लोकतांत्रिक व्यवस्था से ही चलेगा।
उन्होंने कहा कि सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत 73 मूल नियम शामिल हैं, जिसमें 363 सेवाएँ समयबद्ध रूप से जनता को उपलब्ध कराना अनिवार्य है। इसके लिए सरकारी महकमा पंचायत और वार्ड स्तर पर पहुँच रहा है। आम लोग शिविरों में पहुँचकर योजनाओं का लाभ लें — सरकार इसी माध्यम से जनता के करीब आ रही है।
संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा, सतीश पॉल मुंजनी, लाल किशोर नाथ शाहदेव, सोनाल शांति, केदार पासवान और राजन वर्मा उपस्थित थे।
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