आम जनता की साँसें अटकीं, स्वास्थ्य पर संकट गहराया
दुमका से लेकर गोपीकानदर तक का इलाक़ा इस समय गंभीर प्रदूषण की चपेट में है। धूल, धुआँ और गंदगी ने वातावरण को इस कदर दूषित कर दिया है कि आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। सुबह की ताज़ा हवा भी अब जहरीली हो चुकी है।
स्थानीय लोग परेशान
स्थानीय निवासी रमेश महतो कहते हैं, “पहले यहाँ की हवा ताज़गी से भरी रहती थी, लेकिन अब साँस लेना भी मुश्किल हो गया है। बच्चों को लगातार खाँसी और दमा की समस्या हो रही है।”
इसी तरह सरस्वती देवी, जो गोपीकानदर के पास रहती हैं, बताती हैं, “पीने का पानी तक दूषित हो गया है। हमें रोज़ाना पेट दर्द और अन्य बीमारियों की शिकायत रहती है।”
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
दुमका सिविल अस्पताल के डॉक्टर अजय कुमार का कहना है कि प्रदूषण का सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। “हवा में धूल और जहरीले कणों की मात्रा बढ़ने से साँस और आँखों से जुड़ी बीमारियाँ तेज़ी से बढ़ रही हैं। लंबे समय तक इस वातावरण में रहने से फेफड़ों और दिल की बीमारियों का ख़तरा भी बढ़ सकता है।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
जिला प्रशासन ने माना है कि प्रदूषण की समस्या गंभीर होती जा रही है। एसडीओ दुमका ने कहा कि जल्द ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर समाधान की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
लोगों की माँग
स्थानीय लोग चाहते हैं कि जल्द से जल्द प्रदूषण नियंत्रण के उपाय किए जाएँ। इसमें नियमित सफ़ाई, औद्योगिक कचरे पर नियंत्रण, वाहनों की जाँच और हरियाली बढ़ाने जैसी पहल की माँग की जारही है
إرسال تعليق