रांची — झारखंड की एक यूनिवर्सिटी में नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि एक व्यक्ति, जिसके पास नियुक्ति के समय स्नातकोत्तर (पीजी) की डिग्री तक नहीं थी, वह पहले क्लर्क के पद पर कार्यरत था, और बाद में विश्वविद्यालय में शिक्षक बन गया।
सूत्रों के मुताबिक, यह मामला राज्य की एक प्रमुख विश्वविद्यालय से जुड़ा है, जहाँ कथित रूप से नियमों को दरकिनार करते हुए इस व्यक्ति को शिक्षक पद पर पदोन्नत कर दिया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से यह नियुक्ति कई वर्ष पहले की गई थी, लेकिन हाल ही में हुई आंतरिक जांच में इसकी अनियमितता सामने आई है।
जानकारी के अनुसार, संबंधित व्यक्ति को पहले क्लर्क के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में उसने पीजी डिग्री हासिल करने से पहले ही शिक्षक पद के लिए आवेदन दिया और चयन प्रक्रिया में शामिल हो गया। जांच में यह पाया गया कि चयन के समय उसके पास आवश्यक शैक्षणिक योग्यता नहीं थी।
इस मामले को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने जांच रिपोर्ट तलब की है और विश्वविद्यालय से पूरी नियुक्ति प्रक्रिया का ब्यौरा मांगा है। विभाग ने संकेत दिया है कि यदि आरोप सही पाए गए, तो जिम्मेदार अधिकारियों और चयन समिति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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