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त्योहारों की छुट्टी के बाद रांची के स्कूल प्री-बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में जुटे


रांची के विभिन्न स्कूल अब कक्षा 10वीं और 12वीं की आगामी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों में तेजी ला रहे हैं। छठ पूजा जैसे प्रमुख त्योहारों के बाद कई स्कूल नवंबर और दिसंबर महीने में अपने प्री-बोर्ड टेस्ट कार्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं।

मुख्य स्कूलों — दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) रांची, जवाहर विद्या मंदिर श्यामली, ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल, डीएवी समूह के स्कूल, सरला बिरला पब्लिक स्कूल, कैराली स्कूल धुर्वा और गुरु नानक स्कूल — ने त्योहारों के बाद प्री-बोर्ड परीक्षाओं की तारीखें तय कर दी हैं।

डीपीएस रांची में पहली प्री-बोर्ड परीक्षा 15 नवंबर के बाद शुरू होगी।

ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल में प्री-बोर्ड 17 नवंबर से शुरू होने की संभावना है।

सरला बिरला पब्लिक स्कूल में परीक्षाएं 24 नवंबर से और कैराली स्कूल में 29 नवंबर से शुरू होंगी।

गुरु नानक स्कूल में प्री-बोर्ड नवंबर के अंतिम सप्ताह में होंगे, जबकि जवाहर विद्या मंदिर श्यामली में कक्षा 10वीं की परीक्षा जनवरी में और 12वीं की दिसंबर में होगी।




कई स्कूलों में इस बार दो चरणों में प्री-बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएगी। पहले चरण के परिणाम के आधार पर कमजोर छात्रों के लिए विशेष रेमेडियल (सुधारात्मक) कक्षाएं आयोजित की जाएंगी ताकि वे अपने अंकों में सुधार कर सकें।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत परीक्षा प्रारूप में बदलाव किया गया है। अब प्रश्नपत्रों में 50% वेटेज क्षमता-आधारित प्रश्नों (competency-based questions) का होगा और एमसीक्यू (Multiple Choice Questions) की संख्या भी बढ़ाई गई है।

पहले दौर में कमजोर प्रदर्शन करने वाले छात्रों के लिए शिक्षकों को संदेह समाधान और अतिरिक्त मार्गदर्शन देने हेतु अलग-अलग बैचों की जिम्मेदारी सौंपी गई hai

मुख्य बिंदु और संदर्भ

त्योहारों के बाद स्कूल अब अपने अकादमिक कैलेंडर को इस तरह तैयार कर रहे हैं कि छात्रों को बोर्ड परीक्षा से पहले पर्याप्त तैयारी का समय मिल सके।

दो चरणों में प्री-बोर्ड परीक्षा कराने का उद्देश्य है कि छात्रों की कमियों की जल्दी पहचान कर सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।

परीक्षा पैटर्न में बदलाव (अधिक क्षमता-आधारित प्रश्न और बढ़े हुए एमसीक्यू) एनईपी के उद्देश्यों के अनुरूप हैं, जो छात्रों की समझ और विश्लेषणात्मक सोच को परखने पर जोर देते हैं।

छात्रों और अभिभावकों के लिए यह समय नियमित अध्ययन दिनचर्या अपनाने और रीविजन शेड्यूल बनाने का है।

शिक्षकों के लिए पहले प्री-बोर्ड के परिणाम यह तय करने में मदद करेंगे कि किन छात्रों पर अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता है।

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