पारदर्शिता और विकास की मिसाल बनी नई कमेटी, मोर्चरी वाहन का हुआ उद्घाटन
रांची: अंजुमन इस्लामिया हॉस्पिटल, रांची की वार्षिक जनरल बॉडी बैठक ऐतिहासिक रूप से पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई। बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अस्पताल के कोषाध्यक्ष मोहम्मद शाहिद ने संस्था के 2 वर्ष 10 माह (29 नवंबर 2022 से 30 सितंबर 2025) तक की आय-व्यय रिपोर्ट सार्वजनिक की।
उन्होंने बताया कि जब मौजूदा कमेटी ने कार्यभार संभाला था, उस समय अस्पताल के पास ₹1 करोड़ 65 लाख 74 हज़ार 356 रुपये की नकदी और ₹1 करोड़ 6 लाख रुपये की देनदारी थी। अब मेहनत, पारदर्शिता और बेहतर प्रबंधन के बल पर अस्पताल के पास ₹3 करोड़ 39 लाख 37 हज़ार 432 रुपये की राशि उपलब्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि अंजुमन इस्लामिया हॉस्पिटल के इतिहास में पहली बार इंटरनल और टैक्स ऑडिट दोनों कराए गए हैं, जिससे संस्था की वित्तीय स्थिति पूरी तरह पारदर्शी बनी है।
शाहिद ने बताया कि पूर्व कमेटी के कार्यकाल में अस्पताल में कर्मचारियों की संख्या 81 थी, जो अब बढ़कर 169 हो गई है। डॉक्टरों की संख्या भी 37 से बढ़कर 48 हो गई है। उन्होंने कहा कि रांची की जनता या कोई भी संस्था यदि अस्पताल की वित्तीय रिपोर्ट देखना चाहे, तो सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक, एक सप्ताह के भीतर अस्पताल के एकाउंट्स ऑफिस में जाकर उसे देख सकती है।
इस मौके पर अंजुमन इस्लामिया हॉस्पिटल की ओर से नई मैय्यत (मोर्चरी) वाहन की खरीद की गई, जिसका उद्घाटन अस्पताल के संस्थापक सदस्य नफीस अख्तर और अंजुमन इस्लामिया, रांची के सदर हाजी मुख्तार अहमद ने फीता काटकर किया।
हाजी माशूक ने कहा, “अंजुमन इस्लामिया हॉस्पिटल के 35 वर्षों के इतिहास में पहली बार किसी कमेटी ने इतना साफ-सुथरा और पारदर्शी हिसाब हमारे सामने रखा है। यह वास्तव में सराहनीय कार्य है।”
इस अवसर पर सदर हाजी मुख्तार अहमद, अस्पताल निदेशक मोहम्मद मुकीम आलम, उपाध्यक्ष मोहम्मद जाहिद, सह सचिव नदीम इकबाल, शफीकुर रहमान, मो. सुफियान, मो. जबी, मो. लतीफ, साजिद उमर, जफर खान, हाजी सऊद आलम, हाजी हाशिम, मो. राजू, नौशाद आलम, अब्दुल खालिक, हाजी माशूक समेत गवर्निंग बॉडी के सैकड़ों सदस्य उपस्थित थे।
यह बैठक न केवल अंजुमन इस्लामिया हॉस्पिटल की पारदर्शी कार्यशैली का प्रतीक बनी, बल्कि संस्था के विकास, ईमानदारी और जनसेवा की दिशा में एक नई मिसाल भी पेश की।
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