✅ नियम क्या हैं
Commission for Air Quality Management (CAQM) ने आदेश दिया है कि 1 नवंबर 2025 से दिल्ली-एनसीआर में देश के बाहर पंजीकृत वाणिज्यिक मालवाहक (goods vehicles) जो कि Bharat Stage VI (BS-VI) उत्सर्जन मानदंडों को नहीं पूरा करते हैं, उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
इस प्रतिबंध का दायरा “लाइट”, “मीडियम” और “हैवी” वाणिज्यिक मालवाहकों पर लागू होगा — यानी लो जीवी, मीडियम जीवी, हैवी जीवी सभी शामिल।
संक्रमणकालीन (transitional) व्यवस्था है कि BS-IV मानक वाले वाणिज्यिक वाहन दिल्ली के बाहर पंजीकृत होने पर 31 अक्टूबर 2026 तक प्रवेश कर सकते हैं।
❓ किन वाहनों को बैन होगा
बाहर-राज्य पंजीकृत वाणिज्यिक वाहन जिनकी उत्सर्जन स्तर BS-VI से नीचे है (जैसे BS-IV, BS-III या उससे भी पुराने) — ये 1 नवंबर 2025 से प्रवेश के लिए प्रतिबंधित होंगे।
विशेष रूप से, बस मालवाहक वाहन (goods vehicles) जो दिल्ली में पंजीकृत नहीं हैं, और पुराने उत्सर्जन मानक वाले हैं, उन्हें प्रवेश नहीं मिलेगा।
🎯 किन्हें छूट मिलेगी / अनुमति है
दिल्ली में पंजीकृत वाणिज्यिक मालवाहक वाहन — चाहे उनका उत्सर्जन स्तर कोई भी हो — उन्हें इस प्रतिबंध का सामना नहीं करना होगा।
भारत के अंदर पंजीकृत वाणिज्यिक वाहन जो BS-VI मानक पर हों, उन्हें अनुमति है।
वाहन जो CNG, LNG या इलेक्ट्रिक हैं — उन्हें भी प्रवेश की छूट दी गई है।
📌 क्यों यह कदम उठाया गया
दिल्ली में शीतकालीन मौसम में वायु गुणवत्ता ख़ास तौर पर गिर जाती है — स्मॉग और धूल-मिट्टी के कारण परदूषण बढ़ जाता है। वाहन उत्सर्जन इसकी एक बड़ी वजह है।
इसलिए इस तरह की उत्सर्जन-मानक आधारित प्रवेश-नियंत्रण से पहला लक्ष्य है “स्रोत पर उत्सर्जन कम करना” ताकि शहर में हवा की गुणवत्ता बेहतर बने।
🔍 क्या करें यदि आप ट्रांसपोर्ट कंपनी, मालवाहक या ड्राइवर हैं
अपने ट्रक-फ्लीट की पंजीकरण स्थिति और उत्सर्जन मानदंड (इम्प्लीमेंटेशन: BS-IV, BS-VI) अवश्य जाँचें। यदि दिल्ली के बाहर पंजीकृत हैं और BS-VI नहीं हैं, तो 1 नवंबर से प्रवेश मुश्किल होगा।
CNG / LNG / इलेक्ट्रिक विकल्पों पर विचार करें या उन्हें प्राथमिकता दें — ऐसा वाहन आपके दिल्ली प्रवेश के मामले में सहज रहेगा।
अगर आप राज्य राज्य बाहर से माल लेकर दिल्ली आ रहे हैं, तो समय रहते योजना बनाएं — संभव है कि बैन के कारण समय-वितरण प्रभावित हो।
बेहतर होगा कि स्थानीय नियमों और परिवहन विभाग की अधिसूचनाओं पर नजर रखें क्योंकि एनफोर्समेंट तेज होगी — उदाहरणस्वरूप सीमा चेकपॉइंट्स, नम्बर-प्लेट स्कैनिंग आदि।
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