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ऑप्टिक न्यूरिटिस इंफ्लामेशन से जा सकती है आपकी आंखों की रौशनी

ऑप्टिक न्यूरिटिस आंख की ऑप्टिक तंत्रिका की सूजन है। ऑप्टिक तंत्रिका हमारी आंखों के पीछे से हमारे दिमाग में रौशनी के संकेत भेजती है और इसी कारण से हम देख पाते हैं। यदि ऑप्टिक तंत्रिका में सूजन आज जाए या क्षतिग्रस्त हो जाए या इसमें संक्रमण हो जाए तो हम स्पष्ट रूप से नहीं देख सकते हैं।
ऑप्टिक न्यूरिटिस क्यों होता है - इसका सटीक कारण अज्ञात है। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के द्वारा मल्टीपल स्केलेरोसिस या मम्प्स, खसरा, फ्लू आदि के कारण गलती से ऑप्टिक तंत्रिका ऊतक पर हमला करने के कारण होता है।
ऑप्टिक न्यूरिटिसिस में एक या दोनों आँखें प्रभावित हो सकती हैं। इसके लक्षण अचानक दिखाई दे सकते हैं या कुछ दिनों में धीरे-धीरे विकसित हो सकते हैं। इसके लक्षणों में शामिल हो सकते हैं: धुंधला दिखाई देना, कम रोशनी दिखाई देना, जैसे किसी ने लाइट आफ कर दिया हो। इसके अलावा रंग हल्का और फीका दिखाई दे सकता है, आँख के सॉकेट के पीछे दर्द हो सकता है, जब आप अपनी आंखों को मूव कराते हैं, तो आंखों में दर्द हो सकता है।
ऑप्टिक न्यूरिटिस का इलाज नहीं कराने पर, इसके लक्षण और खराब हो सकते हैं। इसलिए किसी भी व्यक्ति को नेत्र चिकित्सक से जल्द से जल्द दिखाना चाहिए।
नेत्र विशेषज्ञ आपकी आँखों की अच्छी तरह से जांच करेगा और आपकी विस्तृत चिकित्सिय जानकारी लेगा। यदि आपकी नजर कम हो गई है, तो आपकी नजर की जांच करेगा। रोगी की पेरिफेरल (परिधीय) दृष्टि की जांच करेगा और कलर विजन की भी जांच करेगा। वह यह भी जांच करेगा कि रोगी की आंख की पुतली प्रकाश के प्रति किस प्रकार प्रतिक्रिया करती है। चिकित्सक यह देखेगा कि फंडस परीक्षण करते समय रोगी की ऑप्टिक तंत्रिका में सूजन तो नहीं आ रही है।
नेत्र चिकित्सक विजुअल सिस्टम की विस्तृत इमेज को देखने के लिए कुछ अन्य परीक्षण कराने की भी सलाह दे सकते हैं। इसमें सीटी स्कैन, एमआरआई स्कैन या विजुअल ब्रेन वेव रिकॉर्डिंग शामिल हो सकती है। (वीईपी अर्थात विजुयल इवोक्ड पोटैंशियल जो यह दिखाती है कि किस तरह से हमारा दिमाग विजुयल सूचनाओं की प्रोसेसिंग करता है।)
कुछ मरीज की दृश्टि ऑप्टिक न्यूरिटिस का किसी भी प्रकार का उपचार कराये बगैर ही बेहतर हो जाती है। हालांकि, ज्यादातर रोगियों में दृष्टि में सुधार करने के लिए इलाज कराने की जरूरत होती है ताकि कम से कम, उनके लक्षणों को और खराब होने से बचाया जा सके।
इसका सबसे आम उपचार कॉर्टिकॉस्टिरॉइड नामक दवा है। कॉर्टिकोस्टेरॉइड अधिकांश रोगियों में उनकी दृष्टि में सुधार करने में काफी मदद करता है। कभी-कभी, यह ऑप्टिक न्यूरिटिस से पहले की दृश्टि को फिर से हासिल करने में भी सहायता कर सकता है। हालांकि, मल्टीपल स्केलेरोसिस या अन्य स्थितियों वाले रोगियों में, इलाज के बाद भी आम तौर ऑप्टिक न्यूरिटिस से पहले की दृश्टि नहीं मिल पाती है।
इसके अन्य उपचारों में प्लाज्मा एक्सचेंज थेरेपी शामिल है, जो रोगियों को उनकी दृष्टि को ठीक करने में भी मदद कर सकती है। यह ऑप्टिक न्यूरिटिस के इलाज का एक प्रभावी तरीके भी माना जाता है।
ऑप्टिक न्यूरिटिस वाले ज्यादातर लोगों में 6 से 12 महीने के भीतर दृष्टि में आंशिक या पूरा सुधार हो जाता है। लेकिन उसके बाद ठीक होने की दर में कमी आ जाती है और नुकसान अधिक स्थायी हो जाता है। यहां तक कि अच्छी दृष्टि वापस आने के बाद भी, कई लोगों की ऑप्टिक तंत्रिका में कुछ हद तक नुकसान रह जाता है।


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