Celebrating the Real Spirit of Real India

भारतीय वैज्ञानिक विकसित कर रहे हैं रह्यूमेटाॅयड आर्थराइटिस की नयी हर्बल दवा 

युवा भारतीय वैज्ञानिकों की एक टीम रह्युमेटाॅयड आर्थराइटिस के लिए एक प्रभावी और दुष्प्रभाव रहित दवा का विकास कर रही है। इन वैज्ञानिकों को बहुत जल्द यह दवा विकसित कर लेने की कामयाबी मिलने की उम्मीद है। रह्युमेटाॅयड आर्थराइटिस जोड़ों की एक गंभीर समस्या है जिसके प्रभावी उपचार के बहुत कम विकल्प उपलब्ध हैं।
भारत में एक करोड़ से अधिक लोग इस आटोइम्यून बीमारी से पीड़ित हैं। इसमें शरीर की रक्षा प्रणाली स्वस्थ ऊतकों के खिलाफ काम करने लगती है।
प्रशिक्षण से टाॅक्सिकोलाॅजिस्ट और इस टीम के प्रमुख शोधकर्ता 24 वर्षीय अंकित तंवर ने कहा कि उन्होंने रह्युमेटाॅयड आर्थराइटिस के लिए सबसे प्रभावी जड़ी बूटियों की खोज करने के लिए डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) और जामिया हमदर्द की ओर से इस परियोजना पर काम करना शुरू किया।
श्री तंवर ने दावा किया कि उन्होंने रह्युमेटाॅयड आर्थराइटिस के लिए अधिक कारगर दवा बनाने के लिए अनुकूल जड़ी बूटियों की खोज करने के लिए दुनिया में पहली बार एक गणितीय मॉडल विकसित किया था।
श्री तंवर ने कहा कि टीम ने विभिन्न देशों और भारत के विभिन्न भागों से 50 संभावित प्रभावशाली जड़ी बूटियों की पहचान की और उनमें से 11 को छांटा।
जामिया हमदर्द (हमदर्द विश्वविद्यालय), दिल्ली के मेडिकल एलिमेंटोलाॅजी एंड टाॅक्सिकोलाॅजी विभाग के सहयोग से टीम अब स्तनधारी मॉडल पर अपने हर्बल फार्मुलेषन का परीक्षण करने के लिए काम कर रही है। अब तक के परिणाम से पता चला है कि यह नया उत्पाद न सिर्फ रह्युमेटाॅयड आर्थराइटिस की रोकथाम और इलाज कर सकेगा बल्कि किसी भी संभावित संक्रमण से देखभाल भी करेगा। यह गंभीर रोगियों के इलाज में भी कारगर साबित होगा।
रह्युमेटाॅयड आर्थराइटिस (आरए) के गंभीर मामले में क्रोनिक इंफ्लामेशन, जोड़ों में क्षति और हड्डियों में तेजी से नुकसान के कारण रोगी को अत्यधिक तकलीफ होती है। रह्यूमेटाॅयड आर्थराइटिस की आणविक प्रक्रिया को अभी तक ठीक से समझा नहीं गया है। इसलिए इसके प्रभावी उपचार की खोज एक रहस्य बना हुआ है।
सौभाग्य से, रह्युमेटाॅयड आर्थराइटिस (आरए) की वास्तविक शुरुआत से वर्षों पहले लोगों में इसके प्रति संवेदनशीलता का पता लगाना संभव है। इसका अर्थ यह भी है कि सही दवा उपलब्ध होने पर इसके प्रति संवेदनशील व्यक्ति में इसकी शुरुआत को वर्षों तक देर किया जा सकता है और साथ ही बीमारी का अच्छी तरह से इलाज भी किया जा सकता है।
रह्युमेटाॅयड आर्थराइटिस के विकास को रोकने के लिए दर्द निवारक, स्टेरॉयड और संशोधक दवाओं का लंबे समय तक इस्तेमाल कर आटोइम्युनिटी को दबाने और जोड़ों को बाद में होने वाले क्षय से सुरक्षा करने के अधिक विषाक्त या अवांछित प्रभाव हो सकते हैं। इससे आटोइम्युनिटी को दबाने से संबंधित संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए इस स्थिति के लिए हर्बल दवाओं के एक गैर विषैले और प्रभावी उपचार का व्यापक रूप से पता लगाया जा रहा है।


Post a Comment

أحدث أقدم